करते हो क्या सांझेदारी...?
ईशवर ने किया प्रकृति का रूप-निखार....,
मानव की लालसा ने इसमें पैदा किया विकार....!
हर तरफ आगे बढ़ने की होड़ बढ़ रहा जिस से...,
वायु प्रदुषण, जल प्रदुषण और ध्वनि का शोर....!
वातावरण को दूषित करने में है सबकी भागेदारी....,
क्यों पर्यावरण संतुलन, शुद्धता में नहीं कोई सांझेदारी.....???
पर्यावरण का संतुलन, संरक्षण है पहली आवश्यकता हमारी....,
पेड़ लगाकर प्रदुषण पर नियंत्रण लगा करनी है सबको सांझेदारी..!!
©....Kavs"हिन्दुस्तानी"..!!