ढलती ज़िन्दगी की कहीं शाम हो ना जाए.....!
रूठ कर जो सोचे वो हम से जुदा हो गये....
दिखता तो वो भी नहीं तू भी कहीं खुदा हो ना जाए..!
निकले थे खुद को उजाड़ चमन तेरा सजाने....
सोचा ही नहीं कि रास्ते ये कहीं दीवार हो ना जाए..!
उम्मीद का दीया जलता रहेगा साँसों की रवानगी तलक..
इंतज़ार में उन्निंदी पलकें कहीं थक के सो ना जाए ..!!
©....Kavs"हिन्दुस्तानी"..!!