Saturday 13 September 2014



जद्दोजहद

जद्दोजहद..
कल्पना
और
सच्चाई
के बीच
की खाई को
पाटने की ...

एक अन्तर्द्वन्द्व ..
एक कशमकश …

उबल रहा था
मस्तिष्क की
भट्टी में
मन का अबोलापन ....

जो जानता था ..
कि नहीं
रह सकती
एक म्यान में
दो तलवारें
साथ-साथ .......

मिटना
ही होगा
एक रूप को
और एक
पा जायेगा
अपना अस्तित्व ....

अंततः
हारना पड़ा
कल्पना को
सच्चाई के
धरातल पर…

क्योंकि ...
हर व्यंजना
सच नही होती
और सच्चाई
अक्सर थोड़ी
कडवी होती है…

और
कुछ व्यंजनाओ को
सच होने के लिए
लेना पड़ता है
पुनर्जन्म ....

©.... Kavs"हिन्दुस्तानी"..!!

Friday 15 August 2014


नया जन-प्रतिनिधि

बनकर नव जन-प्रतिनिधि
हुआ आगमन मंच पर,
नमन कराकर सबसे
यह शीलवान,
शुरू करता है आत्म-आख्यान .....

शिक्षा-व्यापार में हूँ मैं,
राजनीति के प्रसार में हूँ मैं.
लोक-सभा में भी मैं,
और शोक सभा में भी मैं..!

मेरा अहं ही सब पर हावी,
सब की किस्मत की मैं चाबी,
ख़्वाबों-ख़्यालों में ही सही...

नग्न के झोंपड़े में भी मैं,
इंसानी जूनूं के खोपड़े में भी मैं,
भोग-विलास में भी मैं,
निर्धनता की आस में भी मैं..!

नामौजूदगी में मेरी ,
ना हो कोई सौदा,
ना ही आंतरिक संधि,
ना ही कोई मसौदा क्योंकि...

हर व्यापार मैं भी मैं,
देश के सार में भी मैं,
कामगार में भी मैं,
और सरकार में भी मैं..!

तो समझ लूं..
मिलेंगें सब वोट मुझे ,
दावा है ये मेरे मन का,
पर प्रतिनिधि का नाम जानना,
अधिकार है जन-जन का....!

सोचते होगें
ये प्रतिनिधि है कैसा,
अरे अज्ञानी मतदाता..!
मेरा नाम है "पैसा"...!!💰 😎 💸

©....Kavs"हिन्दुस्तानी"..!!



Wednesday 29 January 2014



शुक्रिया

या खुदा..!
तेरा शुक्रिया.. 

तूने मुझे अच्छा नेचर, 
और एक नेक दिल दिया..
जो समझता है दूसरों के
दिल की कैफियत को...

जिस से जुड़ता है
उसे अपनाता चलता है...
क्योंकि वो  समझता है
"वसुधैव-कुटुम्बकम्" की
परिभाषा को..!!!!

©....Kavs"हिन्दुस्तानी"..!!