Tuesday 31 July 2018


सुनो..

जो बैठे हो 
चाक पर
तो गढ़ लेना.. 
कुछ सपने,
कुछ उम्मीदें, 
कुछ अरमान,
कुछ अपने..

समय के साथ
आपसी खिंचाव ने
बिखेर से दिए
जो रिश्ते,
उन्हें दुबारा से
मिट्टी में समेट
पुनः करना
नव निर्माण..

सुना है..
कच्ची मिट्टी
जैसे ढालो
ढल जाती है
हर आकार में..
तुम भी उसे
ढाल देना
हर मौसम 
और 
हर व्यवहार के 
अनुरूप..

रंग देना उन्हें 
चटख रंगों से,
जो छूटे ना
बदलती 
परिस्थितियों में,
मन या रिश्तों
में आयी कड़वाहट 
के साथ...!!!

....© Kavs"हिन्दुस्तानी"..!!


Monday 23 July 2018

गम-ए- फ़ौज़ थी
ख़ुशी एक मौज़ थी।
वफादार ज़िन्दगी में..

आवाज़ तराना था
ख़ामोशी अफ़साना था
लगातार ज़िन्दगी में।

कुछ पा लिए
कुछ खो दिए
अहसास ज़िन्दगी के।

कुछ अपना लिए
कुछ छोड़ दिए
विश्वास ज़िन्दगी के।

कुछ समेट लिया
कुछ बाँट दिया
प्यार ज़िन्दगी में।

कुछ सुख थे
कुछ दुःख थे
सदाबहार ज़िन्दगी में।

कुछ संवर गयीं
कुछ बिखर गयीं
याद ज़िन्दगी की।

हर्फ़ हर्फ़ दर्प दर्प
खोखली होती रही
किताब ज़िन्दगी की।

©....Kavs"हिन्दुस्तानी"..!!

Friday 20 July 2018

संस्कार उगा नहीं करते,
खेत-खलिहानों में ..
न ही निर्मित किये जाते
धुआं उगलती फैक्ट्रियो में ..

वो तो उत्पन होते हैं,
विरासतों की ज़मीन पर ..
सुघड़ व्यवहार की धूप में,
पकते, फूलते और फलते हैं…

सींचे जाते है अन्तरात्माओं से
अच्छाई -बुराई की कसौटी पर ..
घिसे और परखे जाते हैं
पारस सा निखार पाते हैं …

धोखेबाजी की मरूभूमि से दूर
सुकोमल मन में आकार पाते है….
मिटटी, माँ, गुरु के आशीष में,
उपहार स्वरुप मिल जाते हैं .. !!

सुविचारों की पौध है संभल कर रोपना,
संस्कृति यही अगली पीढ़ी को सौंपना ..
दुर्व्यवहार, बेईमानी की घुटन से इसे बचाना ,
नव निर्मित निश्छल मनों तक है पहुँचाना ..!!

©....Kavs"हिन्दुस्तानी"..!!

Saturday 14 July 2018

ज़िन्दगी तू तो मेरी थी ही नहीं कभी ...
दूसरों में खुद को ढूँढना सिखाया मुझको ....!

तुझसे तो गिला भी क्या करना ...
दूसरों की ख़ुशी और उल्हानों में पाया खुद को…!

ज़िन्दगी है हादसों का शहर  ...
सुकून तो मौत ने दिखाया मुझको...!

सीने से लगा के ले तो गयी कम से कम ..
तूने तो कभी अपनाया ही नहीं मुझको ....!

शुक्राना तेरा इस मेहरबानी के लिए ..
औरों के लिए जीना सिखाया मुझको .... !!

©....Kavs"हिन्दुस्तानी"..!!

Tuesday 10 July 2018



प्यार तो बस प्यार होता है
ना कम ना ज्यादा होता है...
ना पूरा ना आधा होता है
प्यार तो बस प्यार होता है...!

ना रसम ना रिवायत होता है
ना शिकवा ना शिकायत होता है..
अपनेपन की कवायद होता है
खुदा की दी हुई नियामत होता है...

ना स्वार्थ ना उलहाना होता है
प्यारा सा ताना-बाना होता है...
हर दिल को गुनगुनाना होता है
रंगों से सराबोर तराना होता है...

ना बंधन ना जकडन होता है
खुले दिल की धड़कन होता है...
एकदूजे की ख़ुशी की तड़पन होता है
दिल से दिल तक समर्पण होता है...

रिश्तों का आधार होता है
खुशियों का पारावार होता है..
अक्षर बेशक ये अधूरा होता है
पर अपने आप में पूरा होता है...

प्यार तो बस प्यार होता है..
ना कम ना ज्यादा होता है
ना पूरा ना आधा होता है
प्यार तो बस प्यार होता है...!!

©....Kavs"हिन्दुस्तानी"..!!