अंतिम सफ़र....
दूरी
धरती के
आकाश से
मिलन की...
मौत
जीवन चक्र से
जुडी
अंतिम प्रक्रिया...
कफ़न
देह पर
पहना जानेवाला
अंतिम वस्त्र....
संसार
पहली किलकारी से
अंतिम क्रंदन
के बीच का
मायाजाल...
जीवन
सुख-दुःख
निश्चित-अनिश्चितता
सही-गलत
के बीच
झूलती हुई
एक कड़ी...
और आज
ये कड़ी
मायाजाल
को भेदकर
श्वेत आवरण
में सिमटी
अंतिम परिणिति
से
एकाकार
होती हुई
चली
जा रही है
धरती से
आकाश की ओर
अपने अंतिम सफ़र पर...!!
©....Kavs"हिन्दुस्तानी"..!!
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