Friday 11 May 2018


चाहती हूँ
बिखेर देना
खुद को …

इस अहसास
और विश्वास
के साथ ....

कि समेट
लोगे तुम
मुझे…

फ़िर..

गढ़ोगे
अपने अनुरूप
अपने लिए...

सुनो,...!

कुछ इस तरह
देना आकार
मुझको …

कि...

मैं पा जाऊं
एक परिपूर्ण
अस्तित्व..

अपनी ही
सम्पूर्णता
के साथ..!!

©....Kavs"हिन्दुुस्तानी"..!!

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