लौटना..
हां लौटना ही तो है
एक दिन..
छूट जायेगा हर मोड़
टूट जाएगा हर जोड़
क्योंकि मुझे लौट जाना है
एक दिन...
ना कभी रही किसी से होड़...
हां अब याद रखती हूं..
मुझे लौट जाना है
एक दिन..
प्रीत की पाती ना बन सकी
प्यार की जाती ना बन सकी
क्योंकि मुझे लौट जाना है
एक दिन...
किसी की साथी ना बन सकी..
हां अब याद रखती हूं..
मुझे लौट जाना है
एक दिन..
ज़िन्दगी एक मेला है
और राही अकेला है
क्योंकि मुझे लौट जाना है
एक दिन
ना बाँधा सामान सब झमेला है
हां अब याद रखती हूं..
मुझे लौट जाना है
एक दिन..
प्रकृति ही मूल है
बाकि सब शूल है
क्योंकि मुझे लौट जाना है
एक दिन
याद रखे दुनिया ये तेरी भूल है
हां अब याद रखती हूं..
मुझे लौट जाना है
एक दिन..
©....Kavs"हिन्दुस्तानी"..!!
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